हमें अपने हौशलो पर पूरा भरोशा है|
अंधेरो मई रह के देख रहे थे ,
कि अंधेरो मे अभी तक दम कितना है|
दुशमनो कि पहचान थी हमें कब से,
पर देखना था मेरे दोस्त कि रजा क्या है|
मिटने का भी मजा लेते रहे हम,
कऊ कि उनको खुस देखने का अलग ही मजा है|
हम कमजोर तो थे ही नहीं कभी ,
पर उनसे हरने का अपना मजा है |
यूं तो जिन्दगी अभी बहुत थी मरी ,
पर उनके लिए मरने का अलग ही मजा है |
समझ सकी ना वो मेरे जज्बातों को ,
मेरा जीवन फिर भी उशमे फ़ना है|
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उम्दा लेखन,खूबसूरत अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteकमाल की प्रस्तुति.वाह वाह, क्या बात है.
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