मेरा कुत्ता मेरे साथ रहता है|
मेरा कुत्ता मेरे पास रहता है|
इसको देखकर लोगो को,
वफादारी का एहसास रहता है|
इंसानों मे भी नहीं है वो ,
जो मेरे कुत्ते के पास है|
मेरे कुत्ते ने भोकना कर दिया है कम,
क्यों की ये अदा तो अब इंसानों के पास है|
जीवन मे समर्पण तो कुत्ते के पास है,
छीनना और झपटना इंसानों मे आम बात है|
आजकल कुत्ते चूहे,बिल्ली से भी कर लेते है दोस्ती,
पर पता नहीं क्यु इन्शान,इन्शान से नाराज है|
हम जानवर हो गए या जानवर इन्शान,
इसका जबाब न मेरे पास है, इसका जबाब आप के पास है|
रचनाकार --प्रदीप तिवारी
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