पत्थरों को मनाने मे
फूलो का कत्ल क्या करना|
खुद के खातिर किसी बेक़सूर को
उसके गुलशन से जुदा क्या करना
खुद की ख़ुशी के लिए
किसी को दुखी क्या करना
पत्थरो के पिघलाने से अछ्छा है मेरे दोस्त
फूलो के प्यार को अपना समझना
रचनाकार -प्रदीप तिवारी
www.kavipradeeptiwari.blogspot.com
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