इंजीनियर
निर्माण के आगे निर्माण की सोचो,
जहाँ से हो राह असंभव,
उस जगह से ही रास्ता खोजो !
जहाँ हो ठहरना नामुमकिन,
वहां अपना घर बसा लो !
इंजीनियर्स के लिए कुछ भी असंभव नहीं,
बस असंभव में संभावनाओ को खोजिये !
इंजीनियर पहचान का मोहताज नहीं होता,
पहचान तो अपने आप बन जाती है,
बस अपने आविष्कारों में अपनी पहचान खोजिये!
इंजीनियर दिवस की शुभकामनाये ( १५ सितम्बर )
रचनाकार - प्रदीप तिवारी
www.kavipradeeptiwari.blogspot.com
E-mail : pradeeptiwari.mca@gmail.com
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