तेरे जाने के बाद तेरी पहचान अभी बाकी है| मुर्दा है जिस्म पर जान अभी बाकी है|
खुदा ने नवाजा है तुझे उस नूर से की,
उजड़ गया है चमन पर खुसबू अभी बाकी है|
तूने जमाना छोड़ दिया तो क्या हुआ,
इस ज़माने में तेरी याद अभी बाकि है |
रचनाकार --प्रदीप तिवारी
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