गमो का तूफ़ान सीने मे थाम रखा है|
आसुओं से तेरा चमन उजड़ा तो उजाडा कैसे जाये
मुस्कराहट को ओठो मे बसा लिया हमने |
कही तू बेवफा बदनाम ना हो जाये
भूलने की कोशिस हजार की मैंने
पर दिल मे बसे हुए को भूला कैसे जाये
मोहब्बत को हमने खुदा मान लिया |
अब बिना इबादत रहा तो रहा कैसे जाये|
बेवफाई की आदत होगी तुम्हे
वफ़ा तो मेरे रगों मे है|
तू ही बता
तुझसे इंतकाम लिया तो लिया कैसे जाये
तेरे झूठी वाफाओ के किस्से हमने फैला रखे है |
तू ही बता
अपने प्यार को बदनाम किया तो किया कैसे जाये|
रचनाकार -प्रदीप तिवारी
www.kavipradeeptiwari.blogspot.com
pradeeptiwari.mca@gmail.com
आज आपकी पोस्ट ब्लोगर्स मीट वीकली (१२) के मंच पर प्रस्तुत की गई है /कृपया आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आप इसी तरह मेहनत और लगन से हिंदी की सेवा करते रहें यही कमना है /आपका ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच पर आपका स्वागत है /जरुर पधारें /
ReplyDeleteसुन्दर भावाभिव्यक्ति..
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