उसने कहा क्या दूर रह सकोगे मुझसे,
मैंने कहा कभी अलग था ही नहीं तुझसे|
उसने कहा मेरे बिन क्या जी पाओगे तुम इस जग में ,
मैंने कहा कभी मेरा दिल अलग था ही नहीं तुझसे |
एक बार सोचा था कभी
तभी साशे अटकने सी लगी थी .....
तभी में समझा गया था
मेरे जिन्दगी की डोर बधी है बस तुझसे|
rachanakar-pradeep tiwari
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