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Monday, December 24, 2012

डेल्ही की पीड़ित लड़की के लिए


अस्मत को मेरी लूटकर 
इज्जत को तार तार कर दिया।
खुशनुमा  थी जिन्दगी मेरी ,
उसे वो जहन्नुम कर गया ।
इस जहा में सारे मेरे अपने ही थे,
फिर ऐसा वो कैसे कर गया।
यही सोचा कर मैंने पूछा .
खता क्या थी जो तू इतनी बड़ी सजा दे गया।
जाते जाते वो मुझे लडकी कह गया।।
जाते जाते वो मुझे लडकी कह गया।।

रचनाकार ---प्रदीप तिवारी  

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