हर सवाल में ही कई सवाल है ।
जवाब खुद बखुद फटे हाल है।
खजाने की चाभी लुटेरो के पास है।
जनता रो रो हो रही बेहाल है।
भ्रष्ट नेता बना हमारा सरताज है।
चोर ,लुटेरो और नेता में बड़ी साठ गाठ है ।
पुलिस भी खड़ी हो रही इनके साथ है।
महगाई से चारो ओर मचा हा हा कार है।
नेता कह रहे यही देश का विकास है।
राष्ट्र प्रेमी राष्ट्र द्रोही कहे जा रहे है।
देश द्रोहियो की बड़ी ढाठ बाठ है।
आम आदमी फिर भी जी रहा प्रदीप
इसमें सच में बड़ी ताज्जुब की बात है।
इसमें सच में बड़ी ताज्जुब की बात है।
रचनाकार -प्रदीप तिवारी
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